लॉकडाउन के दौरान दूसरे जिले और अन्य प्रदेशाें से खंडवा में आए लोग फंस गए हैं। परमिशन के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचे आदर्श नगर निवासी सत्यशील गजभिए बात करते-करते रुआंसे हो गए। उन्हाेंने कहा- मैं छिंदवाड़ा का रहने वाला हूं। एक महीने पहले ही यहां पर ऑनलाइन वर्किंग की ट्रेनिंग देने आया था। मेरी 5 साल की बेटी और पत्नी छिंदवाड़ा में है। बेटी सर्दी-खांसी से बीमार है। पिछले 2 दिन से एसडीएम कार्यालय में परमीशन के लिए आवेदन दे रहा हूं पर कुछ नहीं हुआ।
इस प्रकार गुजरात निवासी अजयपाल सिंह ने कहा मैं 18 मार्च को खंडवा घूमने आया था। तब से यहीं हूं। 2 दिन से वाहन अनुमति के लिए एसडीएम कार्यालय आ रहा हूं। बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर और बैतूल जाने के लिए भी दर्जनभर लोगों ने आवेदन दे रखे हैं, लेकिन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिले से बाहर जाने और आने पर प्रतिबंध लगा रखा है। कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने कहा कि हम बाहर से किसी को लाने के चक्कर में अपने यहां के लोगों को परेशानी में नहीं डाल सकते। किसी को यदि समस्या है तो हमें बताए, हम उस जिले के कलेक्टर से बात कर उस व्यक्ति की व्यवस्था कराएंगे।
मैं ससुराल जाना चाहती हूं, वहां पर मेरे बच्चे रो रहे हैं
आरती पाठक ससुराल खातेगांव जाने के लिए अनुमति मांगने एसडीएम कार्यालय पहुंचीं। वह यहां 21 मार्च को केशवकुंज में अपनी मां से मिलने आई थीं। आरती ने कहा- मैं यहां पर लॉकडाउन के कारण फंस गई हूं। वहां खातेगांव में मेरे बच्चे रो रहे हैं। मैं परेशान हूं।
बेटी इंदौर में पढ़ती है, वहां पर अकेली परेशान हो रही
अवस्थी चौक निवासी प्रतिभा चौहान इंदौर में पढ़ रही बेटी को लेकर खंडवा आना चाहती हैं, लेकिन अनुमति नहीं मिली। प्रतिभा ने कहा- बेटी के साथ की सभी लड़कियां घर चली गईं। बेटी अकेले परेशान हो रही है। अनुमति मिल जाए तो मैं उसे लेकर खंडवा आ जाऊं।
ऑयल मिल जाने के लिए मांगी 3 वाहन की परमिशन
जिले में संचालित ऑयल मिल तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जाने के लिए तीन वाहनों की अनुमति प्रबंधन ने मांगी। आयल मिल प्रबंधन के अधिकारी आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय आए लेकिन वे एसडीएम से नहीं मिल सके।
भाेजन-पानी की किल्लत
जूनापानी गांव में टाइल्स का काम करने वाले 14 मजदूर भी लाॅकडाउन से परेशान है। यहां काम करने वाले गणेश भाई ने बताया सभी मजदूर बड़वानी, यूपी अाैर बिहार के रहने वाले हैं। मजदूर ताे पैदल घर जाने की बात कर रहे हैं।
शहर में भी खराब हालात...
लॉकडाउन से मजदूर वर्ग खाने-पीने काे मोहताज हो गया है। खाने को अनाज तक नहीं है। ऐसे में कुछ लोग इनकी मदद कर रहे हैं। मजदूरों ने कहा शहर छोड़कर भी नहीं जा सकते। हमारा तो भगवान ही मालिक है।